पश्चिम बंगाल में बीजेपी की यात्रा को हरी झंडी, अरुण जेटली बोले- अब तक मानवाधिकार संगठन क्यों थे चुप
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बीजेपी की लोकतंत्र बचाओ यात्रा पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने मुहर लगा दी। अदालत ने ममता बनर्जी सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि आप केवल काल्पनिक डर को आधार बनाकर किसी पार्टी के कार्यक्रम को कैसे रोक सकती हैं। लोकतंत्र में राजनीतिक दल धरना, यात्रा और सभाओं के जरिए अपनी बात रखते हैं।
किसी भी पार्टी का ये मौलिक अधिकार है। इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर अदालत पश्चिम बंगाल सरकार की दलील को खारिज करती है। आइए जानते हैं केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने क्या कहा। विपक्ष के नेताओं समेत मानवाधिकार संगठनों और कार्यकर्ताओं पर उन्होंने तीखा हमला करते हुए सवाल भी उठाए।
बीजेपी नेता अरुण जेटली ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल बीजेपी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये बात समझ के बाहर है जब पश्चिम बंगाल में राजनीतिक दल यानि बीजेपी को उसके कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी गई तो मानवाधिकार संगठनों से जुड़े लोग कहां थे। आखिर उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार की कार्रवाई पर चुप्पी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एनडीए या बीजेपी की सरकार विपक्ष के कार्यक्रमों पर बंदिश लगाती तो विपक्ष की तरफ से आवाज आती कि देश में अघोषित कर्फ्यू लगा दिया गया है। अब ये चुप्पी क्यों है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत रखने के लिए संविधान और भारत के कानून की सीमा में अपनी बात कहने का अधिकार हर किसी को है। अदालत का फैसला पानी की तरह साफ है आप किसी पार्टी के कार्यक्रमों को सिर्फ संदेह के आधार नहीं रोक सकते हैं।
पश्चिम बंगाल में बीजेपी की यात्रा को हरी झंडी, अरुण जेटली बोले- अब तक मानवाधिकार संगठन क्यों थे चुप
Reviewed by MOR
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December 20, 2018
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